विश्व मृदा दिवस 2025: ग्राम छापर भानपुरी में किसानों को मिली मृदा स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी
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| "स्वस्थ मिट्टी, समृद्ध किसान। विश्व मृदा दिवस 2025 के अवसर पर ग्राम छापर भानपुरी में कृषि विज्ञान केंद्र, बस्तर के वैज्ञानिकों और स्थानीय कृषकों ने मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।" |
कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, बस्तर, इफको, और पारादीप फास्फेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती धनई मौर्य ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और किसानों को मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया।
विशेषज्ञों ने साझा की महत्वपूर्ण जानकारियाँ
मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राहुल साहू ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने समझाया कि यह कार्ड मिट्टी की गुणवत्ता और पोषक तत्वों की जानकारी देता है, जिससे किसान सही मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं।
प्राकृतिक खेती के तरीके
वैज्ञानिक धर्मपाल केरकेट्टा ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए किसानों को मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के आसान तरीके बताए, जिन्हें अपनाकर किसान लागत कम करते हुए अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
निःशुल्क मृदा परीक्षण सुविधा
इफको के प्रतिनिधि शिवशंकर मिश्रा ने किसानों को मृदा नमूना एकत्र करने और जमा करने के लिए कहा। इफको द्वारा निःशुल्क मृदा परीक्षण करवाकर किसानों को रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे सही मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर सकें।
संतुलित उर्वरक उपयोग और नीम पाउडर के फायदे
पारादीप फास्फेट लिमिटेड के धर्मेंद्र मिश्रा ने संतुलित उर्वरक उपयोग के फायदे बताए और नीम पाउडर के उपयोग की सलाह दी। नीम पाउडर मिट्टी को कीटों से बचाता है और उसकी गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है।
किसानों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में वैभव पांडेय, जीवनाथ मौर्य, राकेश समरथ सहित ग्राम के 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। सभी किसानों ने विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी को व्यावहारिक रूप से अपनाने का संकल्प लिया।
टिकाउ कृषि पद्धति अपनाने किया प्रेरित
विश्व मृदा दिवस के इस कार्यक्रम ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। सरपंच श्रीमती धनई मौर्य ने किसानों से आग्रह किया कि वे दी गई सलाह का पालन करके अपनी मिट्टी को स्वस्थ रखें और उत्पादकता बढ़ाएँ।
