जगदलपुर: राशन कार्ड KYC में सर्वर फेल, विपक्ष ने सरकार पर लगाया जनता को परेशान करने का आरोप

जगदलपुर: सर्वर फेल होने से राशन कार्ड KYC में जनता परेशान, विपक्ष ने सरकार पर लगाया जनता को परेशान करने का आरोप

जगदलपुर में बंद पड़ी एक राशन दुकान के सामने नगर पालिका निगम के नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी (केंद्र में सफेद कुर्ते में) वार्ड के निवासियों के साथ अपने-अपने राशन कार्ड हाथ में लिए हुए खड़े हैं। वे KYC प्रक्रिया में सर्वर फेल होने और सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। पृष्ठभूमि में दुकान का शटर बंद दिख रहा है।

जगदलपुर। नगर पालिका निगम जगदलपुर में नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी ने भाजपा सरकार पर आम नागरिकों को जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की नीतियां जनता को लगातार लाइनों में खड़ा करने के लिए बनी हैं। उन्होंने राशन कार्ड KYC प्रक्रिया के दौरान आज सरकारी सर्वर फेल होने की घटना को सरकार की "खुद की विफलता" बताया।

KYC की अंतिम तिथि 08 दिसंबर, पर सर्वर फेल

चौधरी के अनुसार, राशन कार्ड KYC की अंतिम तिथि 08 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई थी। आज 03 दिसंबर को जब दुकानदार मशीन लेकर और जनता दस्तावेज लेकर राशन दुकानों पर पहुंचे, तो सरकारी सर्वर का लिंक फेल हो गया। इससे सैकड़ों हितग्राही पीडीएस भवन में बिना काम पूरा किए लौट गए। दुकान संचालकों को भी शाम को दुकानें बंद करनी पड़ीं।

"सरकार की नाकामी छुपाने का प्रयास"

प्रतिपक्ष नेता ने आरोप लगाया, "यह सर्वर फेल नहीं, बल्कि भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार खुद फेल हो चुकी है। सरकार जनता को तरह-तरह की योजनाओं और प्रक्रियाओं में उलझाकर अपनी नाकामियां छुपाना चाहती है। पहले राशन कार्ड नवीनीकरण, फिर आधार लिंक, उसके बाद SIR और अब KYC – लगातार लाइन लगवाकर जनता को हैरान किया जा रहा है।"

महतारी वंदना योजना में भी परेशानी

चौधरी ने महतारी वंदना योजना का भी जिक्र करते हुए कहा कि आधार लिंक और KYC के नाम पर कई महिलाओं और बुजुर्ग माताओं का अधिकार हनन कर उनका पैसा रोका जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से उन बुजुर्ग महिलाओं की समस्या उठाई जो चल-फिर नहीं सकतीं या जिनकी उंगलियों के निशान नहीं लिए जा रहे।

सरकार से मांग

प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से विपक्ष ने सरकार से मांग की है कि:

  1. सबसे पहले सरकार अपना तकनीकी सिस्टम सही करे।

  2. बुजुर्ग और दिव्यांग महिलाओं के लिए नियमों में ढील दी जाए।

  3. ऐसे लाभार्थियों के घर जाकर कर्मचारियों द्वारा KYC प्रक्रिया पूरी की जाए।

चौधरी ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, "सरकार की नीयत अब साफ हो गई है। यह सरकार देने वाली नहीं, बल्कि जनता के अधिकारों पर डाका डालने वाली और उन्हें परेशान करने वाली सरकार है।"

basant dahiya

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