दो जंगली भालुओं ने रातोंरात तबाह की गन्ने की फसल, ग्रामीणों में दहशत, किसान ने मुआवजे की मांग की
घटना रात करीब 8 बजे से 1 बजे के बीच की बताई जा रही है। दोनों भालू खेत में घुस आए और बड़े पैमाने पर फसल को कुचलते हुए बर्बाद कर दिया। सुबह खेत में फैले गन्ने के अवशेष और जानवरों के पैरों के निशान नुकसान की भयावहता बयां कर रहे थे।
20 दिन से बढ़ रही थी भालुओं की सक्रियता
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, पिछले लगभग 20 दिनों से इस इलाके में जंगली भालुओं की आवाजाही और सक्रियता लगातार बढ़ रही थी, जिससे पूरे गांव में डर का माहौल बना हुआ था। हालात को देखते हुए ग्राम कोटवार ने मुनादी करके लोगों को रात के समय घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी भी दी थी।
वन विभाग ने किया मुआयना, बनाया पंचनामा
घटना की सूचना पर बुधवार को वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने पूरे खेत का निरीक्षण कर नुकसान का आकलन किया और आधिकारिक पंचनामा तैयार किया। इस दौरान वनकर्मी, ग्राम कोटवार और ग्रामीण उपस्थित रहे।
किसान की मुआवजे की मांग
पीड़ित किसान मनोराम कश्यप (पिता घनोराम कश्यप), निवासी कुदाल गांव, पारा गुच्छागुड़ा ने बताया कि भालुओं के लगातार आवाजाही के चलते पहले से ही फसल को खतरा था, लेकिन मंगलवार रात उन्होंने पूरी तबाही मचा दी। किसान ने प्रशासन और शासन से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल उचित मुआवजा प्रदान करने की गुहार लगाई है।
मौके पर वन पाल परिक्षेत्र सहायक बस्तर, जुगधर ठाकुर (बीएफओ), लछू नाग (चौकीदार), गमला कश्यप, कोटवार दीनबंधु कश्यप एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
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