पूना मारगेम: दण्डकारण्य में 210 माओवादियों का ऐतिहासिक आत्मसमर्पण, 153 हथियार सौंपे
जगदलपुर। बस्तर पुलिस के 'पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन' कार्यक्रम के तहत दण्डकारण्य क्षेत्र के 210 माओवादी कैडरों ने शुक्रवार को जगदलपुर पुलिस लाइन में औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का ऐतिहासिक फैसला किया। यह नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में सबसे बड़ा सामूहिक पुनर्समावेशन माना जा रहा है।शीर्ष नेतृत्व समेत हुआ बड़ा आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण करने वाले 210 कैडरों में माओवादी संगठन का सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM), 4 डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इनमें 110 महिला और 98 पुरुष कैडर हैं। शीर्ष स्तर पर आत्मसमर्पण करने वालों में CCM रूपेश (उर्फ सतीश), DKSZC भास्कर (उर्फ राजमन मांडवी), DKSZC रनीता, DKSZC राजू सलाम और DKSZC धन्नू वेत्ती (उर्फ संतू) जैसे नाम प्रमुख हैं।
153 घातक हथियारों का हुआ समर्पण
माओवादी कैडरों ने हिंसा के मार्ग से अपने जुड़ाव को प्रतीकात्मक रूप से समाप्त करते हुए कुल 153 हथियार समर्पित किए। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में हथियारों का एक साथ समर्पण हुआ है। समर्पित हथियारों में शामिल हैं:
AK-47 राइफल (19)
INSAS राइफल (23)
SLR राइफल (17)
INSAS LMG (1)
.303 राइफल (36)
BGL लॉन्चर (11)
12 बोर गन (41)
कार्बाइन (4)
पिस्टल (1)
डीजीपी ने कहा - "बनें शांति और विकास के दूत"
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) अरुण देव गौतम ने आत्मसमर्पित कैडरों का स्वागत करते हुए कहा कि 'पूना मारगेम' का उद्देश्य सिर्फ नक्सलवाद से दूरी बनाना नहीं, बल्कि जीवन को एक नई दिशा देना है। उन्होंने कहा, "जो आज मुख्यधारा में लौटे हैं, वे समाज में शांति, विकास और विश्वास के दूत बनेंगे।"
पारंपरिक स्वागत और संविधान को शपथ
कार्यक्रम की शुरुआत बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार, मांझी-चालकी द्वारा आत्मसमर्पित कैडरों के स्वागत से हुई। सभी कैडरों को संविधान की एक प्रति और शांति के प्रतीक लाल गुलाब भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने संविधान की शपथ लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी निष्ठा जताई।
सरकार की पुनर्वास योजनाओं का मिलेगा लाभ
पुलिस प्रशासन ने आत्मसमर्पित कैडरों को पुनर्वास सहायता राशि, आवास और आजीविका से जुड़ी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इन युवाओं को स्वरोजगार, कौशल विकास और शिक्षा के अवसर प्रदान करेगी, ताकि वे एक सम्मानजनक और शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में नक्सल उन्मूलन प्रभारी एडीजी विवेकानंद सिन्हा, कमिश्नर डोमन सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी. और कलेक्टर बस्तर हरिस एस. सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।