मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिया ऐतिहासिक आत्मसमर्पण का श्रेय, कहा- 210 माओवादियों की वापसी बेहतर पुनर्वास नीति का नतीजा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिया ऐतिहासिक आत्मसमर्पण का श्रेय, कहा- 210 माओवादियों की वापसी बेहतर पुनर्वास नीति का नतीजा

210 माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने पत्रवार्ता ली।

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज यहाँ एक ऐतिहासिक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दण्डकारण्य क्षेत्र के 210 माओवादी कैडरों के सामूहिक आत्मसमर्पण को राज्य की "बेहतर पुनर्वास नीति" का सीधा एवं सकारात्मक परिणाम बताया। उन्होंने इस दिन को बस्तर, छत्तीसगढ़ और पूरे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक मोड़ कहा।

"गांधी जी के अहिंसा के विचार पर विश्वास कर लौटे हैं लोग"

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, "रास्ता भटककर समाज से अलग हो चुके लोग आज गांधी जी के अहिंसा के विचार और सरकार की पुनर्वास नीति पर विश्वास कर मुख्यधारा में लौटे हैं। उन सभी को मेरी हार्दिक बधाई।" उन्होंने जोर देकर कहा कि नक्सलवाद के कारण मरने वाले और मारने वाले, दोनों को ही बहुत तकलीफ हुई है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन का जिक्र

श्री साय ने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे एक सुनियोजित रणनीति है। "हमने सतत अध्ययन कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में बेहतर से बेहतर पुनर्वास नीति तैयार की। इसी का परिणाम है कि आज लोग माओवाद का रास्ता छोड़कर विकास की धारा से जुड़ रहे हैं।"

आवास और आजीविका का विशेष प्रावधान

मुख्यमंत्री ने राज्य की पुनर्वास नीति के मुख्य बिंदुओं को साझा करते हुए कहा, "छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ जब 210 से ज्यादा लोगों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया हो। यह हमारी सरकार की पुनर्वास नीति से संभव हो पाया है, जिसमें आवास समेत अन्य जरूरी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।" उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पित लोगों को 3 वर्ष तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा- "31 मार्च 2026 का संकल्प पूरा हो रहा है"

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आज का दिन बस्तर के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा, "जल्द ही और भी लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने 31 मार्च 2026 तक माओवाद के खात्मे का जो संकल्प किया था, वह संकल्प पूरा हो रहा है।"

श्री शर्मा ने बताया कि इस सामूहिक आत्मसमर्पण के साथ ही, "माड़ डिविजन की पूरी कमेटी, गढ़चिरौली की कमेटी, कंपनी वन, कंपनी दस समेत पूरा उत्तर-पश्चिम क्षेत्र अब पूरी तरह क्लियर हो चुका है।"

समाज की मुख्यधारा में पारंपरिक स्वागत

गृहमंत्री ने इस ऐतिहासिक घटना में स्थानीय समुदाय की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "आज बस्तर में समाज के मानबिंदु मांझी, चालकी, गायता और पुजारियों ने समाज की मुख्यधारा में उनका स्वागत किया।" यह दृश्य बस्तर की सहिष्णुता और एकीकरण की सशक्त संस्कृति का प्रतीक था।

इस ऐतिहासिक प्रेस वार्ता में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कारपोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा सहित सीआरपीएफ, बीएसएफ एवं आईटीबीपी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक  सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा समेत कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर जिले के एसपी के सीआरपीएफ, बीएसएफ एवं आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे।

basant dahiya

हमारा नाम बसंत दहिया है। हम पिछले 20 वर्षों से प्रिंट मीडिया में सक्रिय हैं। इस दौरान हमने अपने जिला व राजधानी रायपुर में प्रमुख बड़े समाचार पत्रों के साथ जुड़कर काम किया। अप्रेल 2024 से हमने अपना न्यूज पोर्टल समग्रविश्व की शुरूआत की है।

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