बस्तर जिला ओपन शतरंज चैंपियनशिप में साहिल सागर बने विजेता
जगदलपुर। 15 फरवरी को बस्तर जिला ओपन शतरंज चैम्पियनशिप प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम में आयोजित ओपन प्रतियोगिता में करीब 58 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। सर्वाधिक अंकों के साथ साहिल सागर विजयी रहे।
शनिवार को प्रात: 10 बजे से आयोजित हुई शतरंज प्रतियोगिता का शुभारंभ आयोजकों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके बाद सभी खिलाड़ियों का मैच शुरू किया गया पांच राउंड में हुए सभी मैचों के लिए 50 मिनट का समय निर्धारित किया गया था। शाम पांच बजे के बाद विजयी खिलाड़ियों की घोषणा एवं पुरस्कार वितरण किया गया।
जिला शतरंज संघ बस्तर के अध्यक्ष और प्रदेश शतरंज संघ छत्तीसगढ़ के संयुक्त सचिव शशांक श्रीधर ने कहा कि स्वीस पद्धति से बस्तर के आर्बिटरों ने टूर्नामेंट सम्पन्न कराया है। बस्तर के आर्बिटरों पूर्णिमा सरोज, जयश्री शेंडे, अयाज़ चामड़िया और अभिनव जेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चीफ आर्बिटर तरुण सारथी ने कम्प्यूटर पर सभी राउंड की पेयरिंग, रिजल्ट का कार्य सफलतापूर्वक संपादित किया।
बच्चों की परीक्षा और कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में लगे होने के चलते दो दिवसीय प्रतियोगिता को एक दिवसयी किया गया था। प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में प्रमुख रूप से उमर रिजवी, जयसिंह, राहुल नाग, अनन्य मिगलानी, सचिव हितेश तिवारी, अभिनव जेना, तरुण सारथी, अयाज़ भाई, पूर्णिमा सरोज, जयश्री शेंडे, अशोक तिवारी, बी एस ध्रुव, सुकीर्ति तिवारी, मंजू सारथी, फातिमा राजपूत, श्रीमती गोल्ला, अभिषेक जेना, लोकेश पांडे, मीनेश तिवारी, हर्ष शेंडे, राजेश त्रिपाठी, संगीता तिवारी, राजेश जेना, श्रीमती सेन, बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजपूत का योगदान रहा।
खिलाड़ियों को नहीं होना चाहिए हार से चंतित : सैनी
पुरस्कार वितरण समारोह में पद्मश्री धरमपाल सैनी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। राजेश त्रिपाठी और अशोक तिवारी विशेष अतिथि थे। पद्मश्री धरमपाल सैनी ने अपने उदबोधन में जिला शतरंज संघ की उनके कार्य की प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि खिलाड़ी को हार से चिंतित नहीं होना चाहिए बल्कि चिंतन करना चाहिए और सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विजेताओं को पुरस्कृत किया सभी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित और प्रेरित किया।
विजयी खिलाड़ियों को किया गया पुरस्कृत
ओपन केटेगरी प्रथम स्थान साहिल सागर, दूसरा अविनाश जैन, तीसरा अलंकृता मोहराणा, चतुर्थ शिखर सोना, पांचवां जयसिंह कश्यप
अंडर 11 में बालिका वर्ग में तराना सारथी तथा बालक में अथर्व शुक्ला रहे।
अंडर 15 बालिका वर्ग में पूर्णिमा सागर। बालक में मयंक श्रीवास्तव
अवनि जेना को शालेय नेशनल प्रतियोगिता में बस्तर का प्रतिनिधित्व करने हेतु विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया।
खुल सकता है कैरियर का रास्ता
जिला शंतरंज संघ के अध्यक्ष शशांक श्रीधर ने बताया कि वैसे तो शतरंज खेलकर लाखों खिलाड़ी अपना कैरियर बनाते हैं पर इस खेल में कैरियर के अन्य विकल्प भी है। जिला स्तरीय ओपन टूर्नामेंट में 5 खिलाड़ी फीडे रेटेड हैं जिन्होंने भाग लिया। आर्बिटर के रूप में भी कैरियर बनाने का रास्ता है। स्टेट आर्बिटर और फिर नेशनल और सीनियर नेशनल आर्बिटर बन कर आप प्रदेश और देश के विभिन्न टूर्नामेंट में आर्बिटर की भूमिका निभा सकते हैं। उसमें भी आर्बिटर की फीस और उनके रहने खाने का खर्च मिलता है। कोचिंग का भी कैरियर है। उसमें भी आप डिप्लोमा कोर्स लेबल 1,2,3 इत्यादि करने के बाद मुक्कमल कोच बन सकते हैं। जगदलपुर से शशांक श्रीधर, जयश्री शेंडे, श्रीमती पूर्णिमा सरोज, अभिनव जेना, अयाज़ चामड़िया, कोचिंग का डिप्लोमा प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा तरुण सारथी, शशांक श्रीधर, पूर्णिमा सरोज और जयश्री शेंडे नेशनल आर्बिटर की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। राजेश जेना जी और श्री अयाज़ चामड़िया पहले ही स्टेट आर्बिटर का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं।