शहर में नशे का कारोबार फल-फूल रहा, नहीं हो रही कार्रवाई

शहर में नशे का कारोबार फल-फूल रहा, नहीं हो रही कार्रवाई

जगदलपुर। जिले में नशीली दवाओं का कारोबार सालों से फल-फूल रहा है। कई क्षेत्रों में छोटी दुकानों पर या कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा इन्हें सार्वजनिक स्थलों पर बेचा जाता है। ऐसे में युवा वर्ग इस ओर आकर्षित होकर नशे की गिरफ्त में जा रहे हैं। जनवरी 2024 से मार्च तक नशे के सौदागरों पर कार्रवाई होती रहीं लेकिन मार्च के बाद ड्रग माफियाओं की धरपकड़ कम हो गई। माफिया निचली बस्तियों के गरीब युवाओं को लालच देकर उनसे ये काम करवाते हैं।

सीएसपी विकास कुमार के स्थानांतरण के बाद कम हुई धरपकड़

बस्तर जिले में करीब 14 महीने तक पदस्थ सीएसपी विकास कुमार द्वारा ड्रग्स, शराब माफिया और अन्य अपराधों पर बड़ी कार्रवाइयां की जा रही थी। फरवरी माह में उनका स्थानांतरण कबीरधाम हो जाने के बाद से ड्रग्स माफियाओं पर की जाने वाली कार्रवाईयों में कमी आई है।

गंभीर बीमारियों का खतरा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाक ने बताया कि अल्प्राजोलम, अलप्रोकैन, एलप्रेक्स ट्राईका, एटिवाम, लोराजिपाम, रिवोट्रिल, क्लोनाजिपाम जिनका उपयोग नशे के लिए किया जाने लगा है। इस प्रकार की दवाएं अनिद्रा दर्द और तनाव के लिए मरीज को दी जाती हैं। इन दवाओं से लोगों को ऐसा महसूस होता है कि वे नशे में है। ऐसी दवाओं  से याददाश्त कमजोर होना, दिल, लीवर, किडनी में समस्या जैसी बीमारियां होने के चांस बढ़ जाते हैं। शराब या सिगरेट या अन्य नशे की तरह इसमें दुर्गंध भी नहीं आती इसलिए नशा करने वाले युवाओं के परिजनों को भी कोई शक नहीं होता है।

युवा वर्ग जा रहा नशे की गिरफ्त में

सामाजिक संस्था सक्षम के संस्थापक व संयोजक अविनाश सिंह गौतम इस संबंध में कहते हैं  कि जिले के कई प्रमुख इलाकों में नशे का कारोबार बेरोकटोक जारी है। युवा वर्ग बड़ी तादाद में नशे की गिरफ्त में जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से उनके पास कई लोग जानकारियां सांझा करते हैं। 

basant dahiya

हमारा नाम बसंत दहिया है। हम पिछले 20 वर्षों से प्रिंट मीडिया में सक्रिय हैं। इस दौरान हमने अपने जिला व राजधानी रायपुर में प्रमुख बड़े समाचार पत्रों के साथ जुड़कर काम किया। अप्रेल 2024 से हमने अपना न्यूज पोर्टल समग्रविश्व की शुरूआत की है।

Post a Comment

Previous Post Next Post