जागरूकता : देश में रेबीज से 20 हजार लोगों की हो जाती है मौत
गोद ग्राम डोगाम में रेबीज बीमारी के प्रति जागरूकता रैली का आयोजन
जगदलपुर(समग्रविश्व)। गुरूवार को वेटनरी पॉलिटेक्नीक के
द्वारा विश्व रैबीज दिवस मनाया गया। इस उपलक्ष्य में गोद ग्राम डोगाम में रेबीज
बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से रैली निकाली गई।
विकासखंड जगदलपुर के ग्राम पंचायत जाटम के अंतर्गत ग्राम
डोगाम में रेबीज बीमारी के प्रति ग्रामीण पशुपालकों, किसानों तथा गांव के लोगों को
जागरूक करने के उद्धेश्य से वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर द्वारा अंगीकृत गोद ग्राम
डोगाम में 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस 2024 के उपलक्ष्य में एक दिवसीय रेबीज बीमारी
के प्रति जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंर्तगत वेटनरी पॉलिटेक्निक,
जगदलपुर के संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा गांव के विभिन्न वार्डो में जागरूकता
का संदेश दिया गया।
रेबीज के कारण व बचाव की दी गई जानकारी
आंगनबाड़ी केन्द्र
एवं माध्यमिक शाला, डोगाम के स्कूली बच्चों एवं स्टाफ को डॉ. राजेश सुधाकर वाकचौरे,
सहायक प्राध्यापक, वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर ने बताया की रैबीज एक जानलेवा बीमारी
है, जो पागल कुत्ते के काटने से होती है। रेबीज़ बीमारी से भारत में प्रतिवर्ष औसतन
20 हजार लोगों की मौत होती है तथा दुनिया भर में हर साल लगभग 59,000 मौतें होती हैं।
अगर किसी को पागल कुत्ता काट ले तो साबुन और पानी की मदद से करीब 15 से 20 मिनट तक
जख्म को धोएं। अब घाव को धोने और सुखाने के बाद उस पर कोई भी रोगाणुरोधक दवा जैसे पोविडोन-आयोडीन,
टिंक्चर आयोडीन, डेटॉल इत्यादि लगाएं। उसके बाद एंटी रेबीज टीकाकरण की पूर्ण खुराक
निर्धारित समय सारणी के अनुसार करना चाहिए। रेबीज बीमारी जिसमें अगर इलाज नहीं किया
जाता है तो 100% मृत्यु दर होती है ।