जेल में कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की संदिग्ध मौत, आक्रोश में बस्तर बंद
दंतेवाड़ा/बस्तर। घोटाले के आरोप में जेल में बंद सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष और कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के बाद बस्तर अंचल में इस घटना के विरोध में शनिवार को आदिवासी समाज के आह्वान पर पूरे बस्तर क्षेत्र में सफल 'बंद' रहा, जिसे व्यापक जनसमर्थन मिला।
शनिवार देर रात जेल परिसर में जीवन ठाकुर के निधन की खबर फैलते ही परिजनों और आदिवासी समुदाय में रोष फैल गया। मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने इसे संदिग्ध बताते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
बस्तर में जनआक्रोश, बाजार-दुकानें बंद
मौत के विरोध में आदिवासी समाज द्वारा बुलाए गए बस्तर बंद को व्यापारियों और स्थानीय संगठनों का पूरा समर्थन मिला। सुबह से ही क्षेत्र के अधिकांश बाजार, दुकानें, सब्जी मंडियां और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कें सुनसान नजर आईं। आदिवासी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द निष्पक्ष जांच शुरू नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
"मौत सामान्य नहीं, षड्यंत्र हो सकता है": परिजन
परिजनों ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि जीवन ठाकुर की मौत सामान्य नहीं है और यह एक षड्यंत्र का परिणाम हो सकती है। उन्होंने बताया कि ठाकुर पिछले दो महीने से जेल में थे और उनकी सेहत को लेकर पहले भी चिंता जताई गई थी। परिजनों ने कहा, "उनकी मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई है। हमें न्याय चाहिए।"
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था
प्रशासन ने इस संवेदनशील मामले की जांच के आदेश जारी किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। वहीं, कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस बल को शहर के प्रमुख चौराहों और संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया था।
