बाईचुंग भूटिया ने बस्तर ओलंपिक समापन में भरा जोश, युवा प्रतिभाओं को दिया प्रोत्साहन

बाईचुंग भूटिया की मौजूदगी ने बस्तर ओलंपिक के समापन को बनाया ऐतिहासिक, युवा खिलाड़ियों में छाया उत्साह

भारतीय फुटबॉल लीजेंड बाईचुंग भूटिया बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में युवा खिलाड़ियों से रूबरू बातचीत करते हुए।

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में आयोजित संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में भारतीय फुटबॉल के दिग्गज बाईचुंग भूटिया की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया। उनके आगमन से पूरे माहौल में उत्साह और ऊर्जा का संचार हुआ, जिससे स्थानीय युवा खिलाड़ी विशेष रूप से प्रेरित हुए।

फुटबॉल लीजेंड का युवाओं को सीधा संबोधन

बाईचुंग भूटिया, जिन्हें 'सिक्किमी स्निपर' के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से इस खेल आयोजन के समापन के अवसर पर जगदलपुर पहुंचे। उन्होंने न केवल कार्यक्रम में शिरकत की, बल्कि खिलाड़ियों के बीच जाकर व्यक्तिगत रूप से उनका उत्साह बढ़ाया और खेल के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

भारतीय फुटबॉल के मील के पत्थर हैं बाईचुंग भूटिया

बाईचुंग भूटिया का नाम भारतीय फुटबॉल के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है:

  • यूरोपीय क्लब (इंग्लैंड के बरी फुटबॉल क्लब) के लिए खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर

  • 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का गौरव

  • भारतीय राष्ट्रीय टीम के लंबे समय तक कप्तान रहे

  • अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित

स्थानीय खिलाड़ियों में जगाई नई आशा

भूटिया के प्रेरक शब्दों और सहज व्यवहार ने बस्तर के युवा खिलाड़ियों में यह विश्वास पैदा किया कि वे भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं। कई युवाओं ने बताया कि उनके आदर्श खिलाड़ी से सीधा संवाद उनके खेल करियर का सबसे यादगार पल था।

बस्तर ओलंपिक: खेल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने की पहल

संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को पहचान देने और उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस वर्ष के समापन समारोह में बाईचुंग भूटिया जैसे खेल रोल मॉडल की उपस्थिति ने इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा दिया है।

युवाओं की आंखों में दिखा नया जोश

स्थानीय खिलाड़ियों और दर्शकों ने बताया कि भूटिया की उपस्थिति ने न केवल समारोह की शोभा बढ़ाई, बल्कि खेलों के प्रति उनके उत्साह को भी नया आयाम दिया। कई युवाओं की आंखों में बड़े मंचों पर सफलता पाने का सपना साफ झलक रहा था।

बस्तर ओलंपिक का यह समापन समारोह बाईचुंग भूटिया की यादगार यात्रा के लिए लंबे समय तक याद किया जाएगा, जिसने निस्संदेह बस्तर की खेल प्रतिभाओं को एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है।


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basant dahiya

मेरा नाम बसंत दहिया है। मैं लगभग 20 वर्षों से प्रिंट मीडिया में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा हूं। इसी बीच मैंने बस्तर जिला व राजधानी रायपुर के प्रमुख समाचार पत्रों में अपनी सेवा देकर लोकहित एवं देशहित में कार्य किया है। वर्तमान की आवश्यकता के दृष्टिगत मैंने अपना स्वयं का न्यूज पोर्टल- समग्रविश्व अप्रेल 2024 से शुरू किया है जो जनहित एवं समाज कल्याण में सक्रिय है। इसमें आप सहयोगी बनें और मेरे न्यूज पोर्टल को सपोर्ट करें। "जय हिन्द, जय भारत"

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