बस्तर में पहली बार निःशुल्क पेंचाक सिलाट और कराटे का जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर, 21 दिसंबर से शुरू
जगदलपुर। बस्तर के युवाओं और बच्चों के लिए एक ऐतिहासिक खेल पहल की जा रही है। बस्तर मार्शल आर्ट अकादमी द्वारा पहली बार जिला स्तरीय निःशुल्क पेंचाक सिलाट एवं कराटे प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह विशेष शिविर 21 दिसंबर से 28 दिसंबर 2025 तक शीतकालीन अवकाश के दौरान आयोजित किया जाएगा।
इस शिविर का उद्देश्य बस्तर की छिपी हुई खेल प्रतिभाओं को तलाशना और उन्हें राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करना है। प्रशिक्षण केवल मार्शल आर्ट्स की तकनीक सिखाने तक सीमित नहीं होगा, बल्कि प्रतिभागियों में आत्मरक्षा कौशल, अनुशासन, आत्मविश्वास और एक विजेता की मानसिकता का विकास करना भी इसका मुख्य लक्ष्य है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का विवरण
शिविर में दो लोकप्रिय मार्शल आर्ट्स को शामिल किया गया है, जिनका प्रशिक्षण अलग-अलग समय पर दिया जाएगा:
🥋 पेंचाक सिलाट प्रशिक्षण
स्थान: इंदिरा स्टेडियम, जगदलपुर
समय: प्रतिदिन सुबह 7:00 से 8:30 बजे
🥋 कराटे प्रशिक्षण
स्थान: क्रीड़ा परिसर एवं इंदिरा स्टेडियम, जगदलपुर
समय: प्रतिदिन शाम 4:00 से 5:00 बजे
राष्ट्रीय स्तर के कोच देंगे मार्गदर्शन
इस शिविर की खास बात यह है कि इसमें राष्ट्रीय स्तर की निर्णायक एवं अनुभवी कोच प्रत्यक्ष रूप से प्रशिक्षण देंगी। प्रशिक्षण टीम में ममता पांडेय, आनंदिता सिंह एवं के. ज्योति जैसे नाम शामिल हैं। इन कोचों के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीक, प्रतियोगी रणनीति, शारीरिक फिटनेस और मानसिक दृढ़ता पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
युवाओं के भविष्य को संवारने की पहल
बस्तर मार्शल आर्ट अकादमी का यह प्रयास जिले के युवाओं को खेल के क्षेत्र में एक मजबूत प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने की दिशा में एक सार्थक कदम है। यह शिविर न सिर्फ खेल प्रतिभा को पहचानने का अवसर है, बल्कि युवाओं को अनुशासित और आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।
अकादमी ने जिले के सभी युवा खिलाड़ियों, विद्यार्थियों और अभिभावकों से इस निःशुल्क एवं उच्चस्तरीय प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की है। इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनकर बस्तर को खेल जगत में एक नई पहचान दिलाने में योगदान दिया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन और अधिक जानकारी के लिए, बस्तर मार्शल आर्ट अकादमी से सीधे संपर्क किया जा सकता है या निर्धारित स्थान और समय पर पहुंचकर प्रशिक्षण में भाग लिया जा सकता है।
