IGKV के कर्मचारियों की हड़ताल: KVK कर्मचारियों ने की एक दिवसीय कलमबंद हड़ताल, वेतन और भत्तों को लेकर है विवाद | रायपुर समाचार

IGKV के KVK कर्मचारियों ने मांगों को लेकर की एक दिवसीय कलमबंद हड़ताल, 1 दिसंबर से आंदोलन के और बढ़ने की चेतावनी

जगदलपुर के कुम्हरावंड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में हड़ताल के दौरान मौजूद अधिकारी व कर्मचारी।
जगदलपुर के  कुम्हरावंड  स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में अफसर-कर्मियों ने अपनी मांग के लिए हड़ताल की।

रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) के अंतर्गत आने वाले सभी कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेक Wednesday, 17 नवंबर को एक दिवसीय कलमबंद हड़ताल का आयोजन किया। यह हड़ताल छत्तीसगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र सर्व कर्मचारी कल्याण संघ और राष्ट्रीय संगठन फोरम ऑफ केवीके एंड एआईसीआरपी के आह्वान पर आयोजित की गई।

संघ ने इस हड़ताल को कर्मचारियों के "अस्तित्व, समानता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का संघर्ष" बताया है।

क्या हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें?

संघ के अनुसार, निम्नलिखित मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण यह कदम उठाना पड़ा:

  1. GPF/NPS लाभों की बहाली: पूर्णकालिक कर्मचारियों को मिलने वाले GPF/NPS के लाभों को बिना किसी आदेश के अचानक रोक दिया गया है।

  2. मेडिकल व अन्य भत्तों पर रोक: मेडिकल अलाउंस सहित कई आवश्यक भत्ते बंद कर दिए गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

  3. CAS एवं पदोन्नति प्रक्रिया का ठप होना: पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी तरह से बाधित है, जिससे कर्मचारियों के मनोबल पर गहरा असर पड़ा है।

  4. सेवानिवृत्ति आयु में असमानता: तकनीकी स्टाफ के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष और गैर-तकनीकी के लिए 62 वर्ष निर्धारित है, लेकिन KVK कर्मचारियों के लिए इसे मनमाने ढंग से 60 वर्ष कर दिया गया है।

  5. सेवानिवृत्ति उपरांत लाभों से वंचित रखना: पेंशन, ग्रेच्युटी और पारिवारिक पेंशन जैसे लाभों पर रोक लगा दी गई है।

आगे की कार्ययोजना: 1 दिसंबर से शुरू हो सकता है बड़ा आंदोलन

संघ ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 30 नवंबर 2025 तक उनकी मांगों पर कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो वे 1 दिसंबर 2025 से सभी गैर-अनिवार्य गतिविधियों (Non-Mandated Activities) के राष्ट्रव्यापी बहिष्कार के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से और उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे।

इसके पहले चरण के तहत, 28 नवंबर 2025 को विश्वविद्यालय मुख्यालय, रायपुर के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा।

"प्रशासन की उदासीनता जिम्मेदार": संघ

संघ ने जोर देकर कहा कि यह हड़ताल पूरी तरह अनुशासित और शांतिपूर्ण रही। उन्होंने साफ किया कि अगर कृषि विस्तार के कार्यों में कोई बाधा आती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासनिक उदासीनता की होगी। संघ ने माननीय कुलपति से तत्काल हस्तक्षेप करने और कर्मचारी-हितैषी निर्णय लेने की अपील की है।


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basant dahiya

मेरा नाम बसंत दहिया है। मैं लगभग 20 वर्षों से प्रिंट मीडिया में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा हूं। इसी बीच मैंने बस्तर जिला व राजधानी रायपुर के प्रमुख समाचार पत्रों में अपनी सेवा देकर लोकहित एवं देशहित में कार्य किया है। वर्तमान की आवश्यकता के दृष्टिगत मैंने अपना स्वयं का न्यूज पोर्टल- समग्रविश्व अप्रेल 2024 से शुरू किया है जो जनहित एवं समाज कल्याण में सक्रिय है। इसमें आप सहयोगी बनें और मेरे न्यूज पोर्टल को सपोर्ट करें। "जय हिन्द, जय भारत"

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