जगदलपुर: अभियंता दिवस पर नगर निगम ने उत्कृष्ट अभियंताओं को किया सम्मानित, विश्वेश्वरैया को दी श्रद्धांजलि

अभियंता दिवस पर नगर निगम ने अभियंताओं को किया सम्मानित, विश्वेश्वरैया को दी श्रद्धांजलि

अभियंता दिवस पर  आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम अभियंताओं के साथ महापौर व निगम पदाधिकारियों ने कार्यक्रम आयोजित किया।

जगदलपुर। नगर पालिका निगम जगदलपुर में महापौर संजय पांडे के नेतृत्व में भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 164वीं जयंती अभियंता दिवस के रूप में गरिमामय तरीके से मनाई गई। इस अवसर पर नगर निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले 14 अभियंताओं (Engineers) को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

उत्कृष्ट अभियंताओं का हुआ सम्मान

समारोह का शुभारंभ विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। इसके बाद, नगर विकास में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अभियंताओं गोपाल भारद्वाज, अमर सिंह, अशोक कोर्राम, संजीव कर्ण, योगेश पांडे, रूपेश बिजोरा, प्रवीण पोयाम, अमन नेताम, भूपेश साहू, संजय पांडेय, मेश्राम वर्मा, धर्मेंद्र मिश्रा और विमल पांडे को शाल, श्रीफल और तिलक लगाकर सम्मानित किया गया। विशेष रूप से महापौर संजय पांडे और पार्षद गायत्री बघेल (जो स्वयं एक अभियंता हैं), को भी इस सम्मान से नवाजा गया।

"इंजीनियर हैं नगर के वास्तविक निर्माता": महापौर

महापौर संजय पांडे ने इस अवसर पर कहा, “आधुनिक भारत के निर्माण में इंजीनियरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। इंजीनियर राज्य और नगर के विकास के वास्तविक निर्माता हैं। विश्वेश्वरैया भले ही 101 वर्ष तक जीवित रहे, लेकिन उनकी उपलब्धियां आज भी प्रेरणा स्रोत हैं।”

कम संसाधनों में बनाया एशिया का सबसे बड़ा बांध: गोपाल भारद्वाज

ईई गोपाल भारद्वाज ने बताया कि प्रति वर्ष 15 सितंबर को भारत में इंजीनियर डे मनाया जाता है, जो विश्वेश्वरैया का जन्मदिन है। उन्होंने कहा, "वह भारत के ऐसे इंजीनियर थे जिन्होंने कम संसाधनों में भी देश को उस वक्त का एशिया का सबसे बड़ा बांध दिया था।"

कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर सभापति निर्मल पाणिग्रही, योगेंद्र पांडे, ईई नगर निगम गोपाल भारद्वाज, अमर सिंह, संजीव कर्ण सहित सभापति सुरेश गुप्ता, लक्ष्मण झा, त्रिवेणी रंधारी, संजय विश्वकर्मा, पार्षद गायत्री बघेल, उर्मिला यादव, पूनम सिन्हा, आशा साहू और नगर निगम के अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राजस्व सभापति संग्राम सिंह राणा ने किया।

यह आयोजन इंजीनियरों के योगदान का सम्मान करने और समाज में उनके प्रयासों को रेखांकित करने का एक सशक्त अवसर साबित हुआ।

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basant dahiya

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