आदि कर्मयोगी अभियान: जनजातीय विकास का प्रभावी रोडमैप
जगदलपुर, छत्तीसगढ़जनजातीय विकास के लिए संस्थाओं को सशक्त बनाना
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय विकास और परिवर्तन के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं को सशक्त बनाना है, ताकि जमीनी स्तर पर आ रही समस्याओं को जानकर उन्हें दूर करने के लिए एक प्रभावी योजना बनाई जा सके। साथ ही जनजातीय क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास करना है, जिसमें उनकी संस्कृति और विशिष्ट आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
पूरे देश में लागू किया जाएगा अभियान: किरण सिंह देव
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक किरण देव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष मंशा के साथ इस अभियान की शुरुआत की है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इस अभियान को पूरे देश में लागू करने की जिम्मेदारी ली है। इस प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए एक प्रभावी रोडमैप तैयार करना है।
देव ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकार की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ जनजातीय बहुल क्षेत्रों में रहने वाले हर ग्रामीण तक पहुंचे। अक्सर योजनाओं का कार्यान्वयन शहरों में बेहतर होता है, लेकिन आदि कर्मयोगी अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इनका क्रियान्वयन उच्च स्तर का हो।
मास्टर ट्रेनरों को दी जाएगी जानकारी
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनरों को जनजातीय विकास के विभिन्न पहलुओं और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। ये सभी मास्टर ट्रेनर विकास खंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण देंगे। इसके पश्चात स्वयं सेवकों को विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह विभाग होंगे सम्मिलित
मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण के अंतर्गत आदिम जाति विभाग, शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला बाल विकास, कृषि विभाग एवं वन विभाग के 70 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बस्तर जिले में चयनित ग्राम
बस्तर जिले में सेवा पर्व और आदि कर्मयोगी अभियान के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 377 ग्रामों का चयन किया गया है:
विकासखंड | चयनित ग्रामों की संख्या |
---|---|
जगदलपुर | 55 ग्राम |
बस्तर | 78 ग्राम |
बकावण्ड | 75 ग्राम |
दरभा | 40 ग्राम |
तोकापाल | 67 ग्राम |
बास्तानार | 23 ग्राम |
लोहण्डीगुड़ा | 39 ग्राम |
सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रतीक जैन ने प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में कहा कि विकास कार्यों को करते समय आदिवासी क्षेत्रों की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विकास वहां की वास्तविक जरूरतों के हिसाब से होगा।
निष्कर्ष
आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल है जो सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकास की रणनीति तैयार करने में मदद करेगी। इसके माध्यम से जनजातीय समुदायों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।