कृषि विज्ञान केन्द्र, जगदलपुर में भगवान श्री बलराम जयंती सह-किसान दिवस एवं कृषक कार्यशाला
कृषि विज्ञान केन्द्र, जगदलपुर में शुक्रवार को भगवान श्री बलराम जयंती सह-किसान दिवस एवं कृषक कार्यशाला का आयोजन उप संचालक कृषि/उद्यानिकी जिला-बस्तर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, बस्तर के साथ संयुक्त रूप से किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कामदेव बघेल, सभापति, कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत, बस्तर एवं नील कुमार बघेल, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ छ.ग. के अध्यक्षता में एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों व अधिकारीगण द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्री बलराम के साथ पारम्परिक कृषि यंत्रों का पूजन किया गया। कार्यक्रम में संस्था प्रमुख डॉ. संतोष कुमार नाग, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत अभिवादन किया गया।
कृषक प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हो: कामदेव
तत्पश्चात् मुख्य अतिथि के रूप में कामदेव बघेल, सभापति, कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत, बस्तर ने कृषकों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती के विषय में कहा कि गौ कृषि वाणिज्यम अर्थ व्यवस्था के कारण भारत सम्पन्न रहा ‘गोबर में लक्ष्मी का निवास है‘ बताते हुए कृषकों को प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होने को कहा।
बीज व खाद के लिए जागरूक रहें किसान : नील
उसके पश्चात् कार्यक्रम के अध्यक्ष नील कुमार बघेल, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ छ.ग. ने अपने उद्बोधन में कृषि के देवता भगवान श्री बलराम के बारे में बताते हुए किसानों को बीज खाद प्राप्त करने हेतु जागरूक रहने हेतु सलाह देते हुए पंचायत स्तर पर समिति बने साथ ही भारतीय किसान संघ के विस्तार एवं कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय किसान संघ किसानों के लिए, किसानों के द्वारा चलाये जाने वाला गैर राजनीतिक राष्ट्रव्यापी संगठन है।
विशिष्ट अतिथि गोपाल नाग, संभाग प्रभारी, भारतीय किसान संघ छ.ग. प्रदेश जिला बस्तर द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि परंपरागत खेती को भूलाकर आज हम लोग आवश्यकता से अधिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों का उपयोग कर जहरयुक्त जीवन जी रहे है। इससे हम आने वाली पीढ़ी को हम क्या दे कर जायेगे इसलिए प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ाया। किसानों को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने एवं उससे उत्पादित फसलों के स्वास्थ्य पर होने वाले लाभ आदि के बारे में उद्बोधन दिया गया।
योजनाओं का लाभ लेने दी जानकारी
तद्उपरान्त उपस्थित अतिथि नंदकिशोर पाण्डेय, जिला कोषाध्यक्ष भारतीय किसान संघ छ.ग. ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषक ग्राम स्तर पर रहते हुए भी अपनी मॉंग को पहुचाने के संबंध में एवं कृषकों को आगे आकर विभिन्न शासकीय योजनाओं के अनुदान से किस प्रकार लाभ प्राप्त करने के लिए अवगत किया।
उसके उपरान्त डॉ. आर.एस. नेताम, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, द्वारा प्राकृतिक खेती की ओर कृषकों के अग्रसर होने के संबंध में जानकारी दी गई। उसके उपरान्त राजीव श्रीवास्तव, उपसंचालक कृषि ने राजस्व भूमि धारित कृषकों को धान विक्रय हेतु पंजीयन एवं धान के बदले अन्य फसल लगाने कृषक उन्नति योजना व विभागीय योजनाओं के बारे में बताया गया। उसके बाद श्रीमती आकांक्षा सिन्हा, उप संचालक उद्यानिकी ने ऑयल पाम योजना व उसमें मिलने वाले अनुदान राशि एवं विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दिया। डॉ. अश्विनी ठाकुर, प्रधान वैज्ञानिक, द्वारा हरित क्रांति के बाद उत्पादन एवं रासायनिक उर्वरक कीटनाशकों के अधिक उपयोग से होने वाले प्रभाव के संबंध एवं कृषकों को प्राकृतिक खेती के संबंध में बताया। प्रशांत सिंह, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में बीज की कमी हो रही हैं इस हेतु कृषकों को बीज उत्पादन किस प्रकार किया जाय इस संबंध में जानकारी प्रदाय किया गया।
प्रगतिशील किसानों ने सुनाए अनुभव
उसके पश्चात् तत्पश्चात् डॉ. कमल किशोर कश्यप, प्रगतिशील किसान ग्राम बडे़चकवा ने किसानों को प्राकृतिक खेती एवं पूर्वजों द्वारा किये जाने वाले पारम्परिक खेती के संबंध में अवगत कराया व साथ ही रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न करते हुए प्राकृतिक कीटनाशक एवं खाद जैसे- जीवामृत, नीमास्त्र, बम्हास्त्र आदि प्रकार के प्राकृतिक खाद के संबंध में जानकारी बताया गया।
तकनीकी सत्र में दी फसलों, कीटनाशक व खाद की जानकारी
तकनीकी सत्र के रूप में डॉ. रोशन परिहार, वैज्ञानिक, कृषि महाविद्यालय द्वारा तिलहनी फसलों जैसे- अलसी, कुसुम, सरसों आदि की जानकारी दी गई। धनेश्वर मांझी, प्रगतिशील कृषक द्वारा मशरूम उत्पादन तकनीक पर जानकारी दी गई। तत्पश्चात् दुष्यंत पाण्डे, प्रक्षेत्र प्रबंधक एवं सुधराम नेताम सहायक संचालक कृषि (नोडल अधिकारी) प्राकृतिक खेती के द्वारा प्रायोगिक तौर पर प्राकृतिक कीटनाशक एवं खाद जैसे - जीवामृत, नीमास्त्र, बम्हास्त्र आदि बनाने की विधि के संबंध में किसानों को बताया गया।
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम का मंच संचालन दुष्यंत पाण्डे एवं धन्यवाद ज्ञापन इंजी. कमल कुमार ध्रुव द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में अतिथि गण रमेश ठाकुर, पर्यावरण प्रमुख एवं शंकर राव सोनी, विपणन प्रमुख, भारतीय किसान संघ छ.ग. प्रदेश जिला बस्तर एवं दिनेश कुमार धु्रव, सनत कुमार उइके, डॉ. तेजपाल चन्द्राकर, वैज्ञानिक, कृषि महाविद्यालय व कार्यालयीन कर्मचारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 70 किसानों के साथ कुल संख्या 93 की उपस्थिति रही।