बस्तर जिले के शिक्षकों का धरना प्रदर्शन, स्कूलों में तालाबंदी

बस्तर जिले के शिक्षकों का धरना प्रदर्शन, स्कूलों में तालाबंदी

बस्तर जिले के सातों ब्लॉकों के शिक्षकों ने फिर सड़कों पर उतरकर किया धरना

जिले के अधिकांश स्कूलों में लटके रहे ताले

"बस्तर शिक्षक धरना प्रदर्शन - जगदलपुर में युक्तियुक्तकरण विरोधी रैली"

जगदलपुर – बस्तर जिले के सभी सात विकासखंडों के शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण (Rationalization) में हुई गंभीर अनियमितताओं के खिलाफ एक बार फिर सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया। बारिश की झड़ी के बीच शिक्षकों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम, तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

स्कूलों में बंद रहे ताले, माध्यान्ह भोजन के बाद छुट्टी

इस आंदोलन के चलते जिले के अधिकांश स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति रही। कुछ खुले स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के बाद ही छुट्टी कर दी गई। शिक्षक संगठनों के साझा मंच ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

जगदलपुर के मंडी प्रांगण में आंदोलन स्थल पर पहुंचे तहसीलदार

शिक्षकों की प्रमुख मांगें

  1. दोषपूर्ण युक्तियुक्तकरण को दुरुस्त कर 2008 के सेटअप के अनुसार व्यवस्था बहाल करना।

  2. सोना साहू प्रकरण को आधार मानते हुए समयमान वेतनमान, क्रमोन्नति वेतनमान की व्यवस्था करना।

  3. नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन सहित सभी लाभ प्रदान करना।

  4. डीएड योग्यता धारकों को प्राचार्य पदोन्नति में शामिल करना।

शिक्षक नेताओं ने दिया चेतावनी भरा बयान

जगदलपुर में आयोजित धरना प्रदर्शन में संभागीय संचालक प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि "युक्तियुक्तकरण की वर्तमान व्यवस्था ने शिक्षकों को प्रभावित किया है, जिससे स्कूलों में अराजकता फैल गई है।"

जिला संचालक लुदरसन कश्यप ने आरोप लगाया कि "राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण के नाम पर भ्रष्टाचार किया है। उम्रदराज शिक्षकों और महिलाओं को जबरन दूसरे ब्लॉकों में भेजा गया।"

जिला संचालक देवराज खूंटे ने चेतावनी देते हुए कहा कि "यदि सरकार ने शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।"

बीईओ दफ्तर में ज्ञापन सौंपते शिक्षक

सभी सात विकासखंडों में हुआ प्रदर्शन

बस्तर जिले के सभी सात विकासखंडों में शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया:

  • जगदलपुर – मनीष ठाकुर, अधीन सोरी

  • दरभा – बुधराम कश्यप, महताब बघेल

  • बकावंड – शत्रुघन कश्यप, कौशिल्या शोरी

  • तोकापाल – भुवनेश्वर कश्यप, कांशीनाथ बघेल

  • लोहण्डीगुड़ा – कमल साय कश्यप, अमित अवस्थी

  • बस्तर – ईश्वर बंधैया, रुद्रनारायण भारद्वाज

  • बास्तानार – कृष्णा लाल गांधरला, हेमंत मंडावी

इस आंदोलन में इस दौरान सतपाल शर्मा, प्रमोद यादव, अधीर राम सोरी, मो ताहिर शेख, अमित पाल, हरेंद्र राजपूत, नीलमणि साहू, प्रकाश सारथी, महेंद्र बघेल, गणेश्वर नायक, संतोष सोनवानी, महेंद्र ठाकुर, सामुराम मौर्य, श्याम सुंदर जान, विकास साहू, अनुपम सरकार, पुष्पा मानिकपुरी, सुमन बघेल, यास्मीन श्रीवास्तव, सरस्वती साहू सहित सैकड़ों शिक्षकगण उपस्थित रहे।

निष्कर्ष

बस्तर जिले के शिक्षकों का यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। यदि शीघ्र ही इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।

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basant dahiya

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