सदका-ए-जारिया.... यौमे पैदाइश में मुस्लिम समाज करेगा पौध रोपण
नारायणपुर अंजुमन इस्लामिया कमेटी की अनोखी पहल
अंजुमन इस्लामिया कमेटी नारायणपुर के द्वारा जमात के किसी भी शख्स की यौमे पैदाइश के दिन पर एक पौधा लगाने की मुहिम का आगाज़ अंजुमन कमेटी के सदर मोहम्मद इमरान खान के यौमे पैदाइश के दिन यानि शनिवार 12 जुलाई से की गई हैं।
अंजुमन इस्लामिया कमेटी के द्वारा बाकायदा जमात के सभी लोगों को उनके यौमे पैदाइश के दिन फलदार पौधा उपलब्ध कराया जा रहा हैं। पौधा लगाने के लिए कब्रिस्तान, ईदगाह और नए जमात खाना की जमीन को चिन्हांकित किया गया हैं। वहीं अगर कोई अपने घर या बाड़ी में भी पौधे लगाने की इच्छा समाज प्रमुखों के सामने जाहिर करे तो कमेटी घर में पौधा लगाने के लिए पौधा उपलब्ध कराएगी।
बर्थ डे पार्टी में होने वाली फ़िज़ूल खर्च पर विराम लगाने की मुहिम
जन्मदिन के उत्सव में होने वाली फिजूल खर्च रोकने की दिशा में मुस्लिम समाज आगे बढ़ रहा हैं। इस अभियान से जहां फ़िज़ूल खर्च में रोक लगाने की पहल की जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ पौधरोपण कर पृथ्वी के अंदर बढ़ते दबाव को कुछ हद तक कम करने की दिशा में एक छोटी सी पहल हैं।
इस्लामी शिक्षाओं में पेड़ लगाने का महत्व
इस्लाम में पेड़ लगाने को बहुत महत्व दिया गया है, और पैगंबर मुहम्मद साहब ने भी पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने की शिक्षा दी है। हदीस में है कि अगर कोई मुसलमान पेड़ लगाता है, तो उसे उस पेड़ से मिलने वाले हर फायदे का सवाब मिलेगा, चाहे वह फल हो, छाया हो, या किसी भी तरह का फायदा हो। नेकी की नीयत रखने वालो के लिए पेड़ लगाने की मुहिम की प्रशंसा सभी लोग कर रहे हैं।
सदका-ए-जारिया: पेड़ लगाना एक ऐसा दान है जिसका फल निरंतर मिलता रहता है, जब तक कि वह पेड़ जीवित है और उससे दूसरों को फायदा पहुंच रहा है। पेड़ लगाना पर्यावरण को बचाने और हरियाली को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। अंजुमन इस्लामिया कमेटी नारायणपुर की इस पहल का हिस्सा बनने के लिए लोगों से अपील की गई हैं।
एक पेड़ मां के नाम से मिली प्रेरणा
नारायणपुर मुस्लिम समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मोहम्मद इमरान खान ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "एक पेड़ मां के नाम" से प्रेरणा लेते हुए मुस्लिम समाज अपनी सहभागिता निभा रहा हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की चिंता सभी स्तर पर होनी चाहिए। ग्लोबल वार्मिंग को कंट्रोल करने के लिए पौध रोपण अभियान आवश्यक हैं जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को अनुकूल माहौल प्राप्त हो सकेगा।