जन अधिकार मोर्चा ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन — EWS आरक्षण शीघ्र लागू करने की मांग
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2019 में 103वें संविधान संशोधन के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जिसे देश के लगभग सभी राज्यों में लागू किया जा चुका है। लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में यह आरक्षण 7 वर्ष बीतने के बाद भी लागू नहीं हुआ, जिससे यहां के ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्र और अभ्यर्थी शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में अपने अधिकार से वंचित हैं।
ज्ञापन में उठाए गए प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार द्वारा ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र तो बनाए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें किसी भी प्रवेश, परीक्षा या भर्ती प्रक्रिया में मान्यता नहीं दी जा रही है।
- स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश से लेकर शासकीय भर्तियों तक, ईडब्ल्यूएस वर्ग को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा है।
- इससे छात्रों में निराशा, मानसिक दबाव और असमानता की भावना बढ़ रही है।
बार-बार आवेदन एवं निवेदन के बावजूद सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे युवाओं में गहरा आक्रोश है। जन अधिकार मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यह मांग न केवल संवैधानिक अधिकार है, बल्कि सामाजिक न्याय और समान अवसर की बुनियादी अवधारणा से जुड़ी हुई है। यदि राज्य सरकार इस ओर शीघ्र ध्यान नहीं देती, तो ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्र एवं अभ्यर्थी राज्यव्यापी जन आंदोलन शुरू करने के लिए विवश होंगे।
इस अवसर पर उपस्थित रहे
• कर्मवीर सिंह जादौन, जन अधिकार मोर्चा
• विपिन कुमार तिवारी, विनय कुमार मंडल, रवि तिवारी
• जयंत राम साहू, एस एल श्रीवास्तव, सतेंद्र गौतम