महिला आयोग ने महिला समूह का सामाजिक बहिष्कार किया खत्म
जगदलपुर(समग्रविश्व)। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ, किरणमयी नायक संभाग मुख्यालय जगदलपुर में थीं। बस्तर कलेक्टोरेट के प्रेरणा सभा कक्ष में उन्होंने महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। उन्होंने बस्तर जिले में 7 वीं बार सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान विभिन्न प्रकरणों को उन्होंने सुना और निपटारे के बाद आवश्यक निर्देश भी दिए।
एक आवेदिका ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था लेकिन जनपद पंचायत ने
प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इस पर संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना था कि आवेदिका
ने कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। एडीएम सीपी बघेल ने जानकारी दी कि 2018 के पहले
तक जिम्मेदारी जिला पंचायत की थी लेकिन 2018 में शिक्षा कर्मी वर्ग 1 का संलग्नीकरण
हो गया है। इसलिए प्रावधानों के तहत आवेदिका को संबंधित विभाग में आवेदन करने कहा गया।
श्रीमती नायक निराकरण के लिए एडीएम को जिम्मेदारी सौंपी है।
एक आवेदिका ने बताया कि उनका एक महिला समूह है जो गांव के तालाब ठेके पर लेकर
मछली पालन करता है। अनावेदक तालाब से जबरन मछली पकड़कर ले गए। जब मामले की शिकायत आयोग
से की गई तो आवेदिका को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया और समूह की महिलाओं से
60,000 रूपये अर्थदंड की मांग की गई। आयोग ने दोनों पक्षों को समझाइश दी। साथ ही संरक्षण
अधिकारी एवं पुलिस निरीक्षक माधुरी नायक व उनकी टीम 28 अगस्त को गांव जाकर सामाजिक
बहिष्कार खत्म कराएगी। वहां ग्रामीणों की उपस्थिति में पंचायत पदाधिकारियों द्वारा
यह घोषणा की जाएगी कि आवेदिका महिला समूह के खिलाफ कोई भी सामाजिक बहिष्कार नहीं किया
गया है। ऐसा न किए जाने पर अनावेदकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा। एक प्रकरण में
आवेदिका बुजुर्ग महिला की पैतृक संपत्ति पर अवैध कब्जा पर सुनवाई की गई।
एक प्रकरण में आवेदिका द्वारा शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना का किया गया
था। इस दौरान सुनवाई में उपस्थित डीएसपी (साईबर सेल) ने जानकारी दी कि आवेदिका आदतन
गांव वालों को फंसाती रहती है इनकी वजह से पुलिस विभाग को भी परेशानी होती रहती है।
आयोग ने प्रकरण चलाना अनुचित मानते हुये प्रकरण समाप्त कर दिया।
सुनवाई के दौरान आयोग की पूर्व सदस्य श्रीमती बालो बघेल, अपर कलेक्टर सीपी बघेल, एडिश्नल एसपी महेश्वर नाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी अरूण पांडे मौजूद थे।