शिशु मंदिर में संस्कारों की शिक्षा दी जाती है : राणा
जगदलपुर(समग्रविश्व)। आध्यात्मिक नगरी कोंटा में वर्ष 1995 से संचालित सरस्वती शिशु मंदिर कोंटा बीते कुछ वर्षो से काफी उपेक्षित रहा,एक बार फिर से इस संस्था मे कुछ नए प्रयासों की शुरुआत की जा रही है। वर्षो बाद एक बार फिर सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षण संस्था में स्थानीय निवासियो ने रुचि दिखाई है ।
बुधवार को कोंटा नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में "शिशु वाटिका" का शुभारंभ सरस्वती शिशु मंदिर कंगोली जगदलपुर एवं जागृति मंडल रायपुर के अध्यक्ष कुंवर राज बहादुर सिंह राणा एवं रामराजा मनोज देव (विभाग प्रभारी एवं अध्यक्ष सरस्वती शिशु मंदिर सुकमा) ने उदघाटन किया। मुख्य अतिथि कुंवर राज बहादुर सिंह राणा (अध्यक्ष, सरस्वती शिशु मंदिर, कंगोली जगदलपुर एवं जागृति मंडल रायपुर) ने अपने संबोधन में कहा कि आप हमें अबोध बालक दें, हम आपको सुयोग्य नागरिक देंगे। भैया / बहनों के सर्वांगीण विकास में विद्या भारती का प्रेरक एवं अनोखा प्रयास है, शिशु वाटिका। सुसंस्कारित, सुव्यवस्थित एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा ही सरस्वती शिशु मंदिर योजना को विश्व के कोने- कोने तक ले जा रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हमें अपने मातृ संगठन, विद्या भारती, सरस्वती शिक्षा परिषद व समाज का सराहनीय सहयोग प्राप्त हो रहा है।
कार्यक्रम मे उपस्थित सरस्वती शिशु मंदिर सुकमा सुकमा के अध्यक्ष मनोज देव ने कहा की शिशु वाटिका बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ सर्वांगीण विकास के लिए एक अभिनव प्रयास है।सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार की शिक्षा को सर्वोपरि रखा जाता है।अनुशासित एवं व्यावहारिक जीवन जीने का ज्ञान देने वाला एकमात्र विद्यालय है सरस्वती शिशु मंदिर।
इस अवसर पर खंड संघचालक सी.एच.राज शेखर जी, प्राचार्य वेद माता कालेज,जगदलपुर, समिति के अध्यक्ष पी.गणेश, व्यवस्थापक गिरीश,सचिव वी.नरेश, कोषाध्यक्ष टी.वेंकटेश राव, समिति के सदस्य सुभाष चतुर्वेदी, आर.मुरली, जी.वेंकटरमन्ना रेडडी, जी. गंगाचलम, उदयराज सिंह, जेट्टी रामाराव, पी. रामडू, श्रीमती जी.विजय लक्ष्मी रेड्डी, श्रीमती पी.कृष्ण कुमारी, श्रीमती अन्नू घोष, टी.श्रीनिवास (वासु), वेट्टी अनिल, नीली सतीश, नीली वंशी, सुनील, अरविंद गुप्ता, किरण, मनीष, संस्था के आचार्य दीदी व कोंटा के गणमान्य नागरीकगण उपस्तिथ रहे।