बस्तर जिले के पशुपालकों का तेलंगाना में शैक्षणिक भ्रमण
पशुधन विकास विभाग, बस्तर द्वारा कृषक कौशल भ्रमण योजना अंतर्गत जिले के पशुपालकों को शासकीय व्यय पर शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। इस योजना में लोहंडीगुड़ा एवं किलेपाल विकासखंड के कुल 30 पशुपालक शामिल हुए। जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में इन्हें तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित विभिन्न विभागीय शैक्षणिक संस्थानों का दौरा कराया गया।
पहले जगदलपुर वेटनरी पॉलिटेक्निक का भ्रमण
भ्रमण की पहली कड़ी में वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर का दौरा कराया गया। संस्था के प्रभारी प्राचार्य डॉ. नितेश कुम्भकार, सहायक प्राध्यापक डॉ. राजेश सुधाकर वाकचौरे तथा अन्य स्टाफ द्वारा पशुपालकों को उपयोगी जानकारी दी गई और लाभकारी ज्ञान का आदान-प्रदान हुआ।
हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने दी कुक्कुट पालन की जानकारी
राजेंद्रनगर, हैदराबाद स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा पोषित पोल्ट्री रिसर्च संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कुक्कुट पालन से जुड़ी तकनीकों की जानकारी दी। पशुपालकों ने इसमें रुचि दिखाई और अपनी शंकाओं का समाधान पाया।
डेयरी एवं अन्य फार्म में तकनीक साझा की
भ्रमण की अगली कड़ी में पशुपालन महाविद्यालय, हैदराबाद स्थित डेयरी फार्म इकाई का दौरा कराया गया। यहाँ विशेषज्ञों ने डेयरी पालन की तकनीकों को साझा किया। इसके साथ ही बकरी फार्म, भेड़ फार्म, सूकर फार्म एवं खरगोश फार्म का भी भ्रमण किया गया, जिनमें पशुपालकों ने विशेष रुचि दिखाई।
हैदराबाद के दर्शनीय स्थल देखा
शैक्षणिक भ्रमण के साथ-साथ पशुपालकों को चारमीनार, गोलकोंडा किला, सालारजंग संग्रहालय तथा अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा कराया गया। अंतिम कड़ी में उन्हें नेहरू जैविक उद्यान ले जाया गया, जहाँ दुर्लभ वन्य प्राणियों के दर्शन कर संरक्षण का संदेश मिला।
कार्यक्रम का संचालन
यह पूरा कार्यक्रम संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, बस्तर, डॉ. डी.के. नेताम के मार्गदर्शन में संचालित हुआ। इसमें पशु चिकित्सक डॉ. ए.के. पांडेय तथा डॉ. मनीषा भारती (प्रभारी, पशु चिकित्सालय किलेपाल) की महत्वपूर्ण भूमिका रही।