ग्राम छोटे कवाली में प्रशिक्षण एवं पशुचिकित्सा शिविर में हुआ 320 पशुओं का उपचार, देशी पशुओं के अनुवांशिक महत्व पर दी जानकारी

ग्राम छोटे कवाली में प्रशिक्षण एवं पशुचिकित्सा शिविर में हुआ 320 पशुओं का उपचार, देशी पशुओं के अनुवांशिक महत्व पर दी जानकारी

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जगदलपुर। निदेशक अनुसंधान सेवायें, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग (छग) तथा वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर द्वारा TSP-नेटवर्क प्रोजेक्ट, ICAR-NBAGR परियोजना अतंर्गत ’’छत्तीसगढ़ के देशी पशु अनुवांशिक संसाधनों का सतत् उपयोग पर प्रशिक्षण एवं पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन ग्राम पंचायत- छोटे कवाली, विकासखंड -जगदलपुर में 30 मार्च को किया गया। 
शिविर में पशुपालकों को छत्तीसगढ़ के देशी पशुओं के अनुवांशिक गुणों के महत्व के संबंध में डॉ. नितेश कुम्भकार, प्राचार्य वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर द्वारा जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि देशी पशुओं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता संकर नस्ल के पशुओं की अपेक्षा अधिक होती है इसलिए देशी पशुओं के नस्ल के संरक्षण करने की आवश्यकता है। साथ ही पशुचिकित्सा शिविर अतंर्गत गाय, बकरी, भेंड़ एवं मुर्गी सहित कुल 320 पशुओं का इलाज किया गया। जिसमें पशुओं का डिवर्मिंग, बाहृय परजीवी नाशक दवाई का छिड़काव तथा विभिन्न बिमारियों का इलाज किया गया साथ ही पशुपालकों को पशुओं हेतु पोषक आहार मिनरल मिक्सचर, कैल्शियम सीरप एवं दवाईयों का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम के उपसरपंच अनंत राम नाग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर के डॉ. राजेश वाकचौरे, सहायक प्राध्यापक, अमन कश्यप, किरण कुमार एवं वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर के छात्र-छात्राए एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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