गोद ग्राम डोगाम में जल संरक्षण पर जागरूकता रैली का आयोजन
वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर द्वारा अंगीकृत गोद ग्राम डोगाम में ग्रामीणों और किसानों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से एक दिवसीय जल संरक्षण पर जागरूकता रैली का आयोजन किया गया था।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर के संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा गांव के विभिन्न वार्डों में जाकर जल संरक्षण रैली के माध्यम से ग्रामीणों को जल संरक्षण का संदेश दिया गया।
डॉ. राजेश सुधाकर वाकचौरे, सहायक प्राध्यापक, वेटनरी पॉलिटेक्निक, जगदलपुर ने जल संरक्षण का महत्व समझाया, जिसमें निम्नलिखित बातें शामिल थीं:
- बारिश के पानी को इकट्ठा करें, जिससे भूजल स्तर बढ़ सके और इसे पौधों को पानी देने या अन्य घरेलू कार्यों में उपयोग करें।
- नल और पाइप में रिसाव की मरम्मत करें, नल को इस्तेमाल करने के बाद बंद रखें।
- फलों एवं सब्जियों की फसलों के लिए टपक सिंचाई (ड्रिप सिंचाई) और फव्वारा सिंचाई (स्प्रिंकलर सिंचाई) विधि को अपनाएं। इस सिंचाई में पानी की बूंदों के रूप में आपूर्ति की जाती है, जो पौधों की जड़ों के पास मिट्टी में धीरे-धीरे सोख जाती है, पोषक तत्व सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे पानी का उपयोग अधिक कुशलता से होता है।
- ड्रिप सिंचाई पारंपरिक सिंचाई विधियों की तुलना में 50% से 70% तक पानी बचा सकती है, और फसल की पैदावार में 20% से 90% तक वृद्धि हो सकती है।
- स्प्रिंकलर सिंचाई जल संरक्षण की एक बेहतरीन विधि है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां जल की कमी है। यह पानी को एक समान रूप से पूरे क्षेत्र में वितरित करता है, जिससे पानी का अपव्यय कम होता है।
- ऐसी फसलों का चयन करें जो कम पानी में उग सकें, जितनी आवश्यकता हो उतने ही जल का उपयोग करें, जल को बर्बाद होने तथा प्रदूषित होने से रोकें।
- पशुओं के पानी के बर्तनों को नियमित रूप से साफ करना और रिसाव को कम करना।
जल संरक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ताजा स्वच्छ जल एक सीमित संसाधन है।
इस जागरूकता रैली में डॉ प्रतिभा ताटी, डॉ नविन साहु, संकाय सदस्य उपस्थित थे।