दंतेवाड़ा: बायपास पुल बहा, भारी वाहनों ने शहर की सड़कों पर बढ़ाया संकट
निर्माण कार्य में देरी और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से बढ़ रही है आम जनता की परेशानी
दंतेवाड़ा। मानसून में बह गए दंतेवाड़ा बायपास पुल के बाद से शहरवासी लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं। बायपास मार्ग बंद होने के कारण अब सारा यातायात, खासकर भारी वाहन, सीधे शहर के अंदरूनी इलाकों से गुजर रहे हैं। इससे न सिर्फ दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा है, बल्कि शहर की सड़कें भी तेजी से बर्बाद हो रही हैं।
सड़कों पर गड्ढे, लोगों में बेचैनी
भारी ट्रकों और वाहनों के लगातार दबाव ने शहर की सड़कों की हालत खस्ता कर दी है। हर तरफ गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिससे न केवल वाहन चालकों, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी आवाजाही दूभर हो गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक उन्हें इन हालातों का सामना करना पड़ेगा।
बायपास-2 के पुल का काम अब तक अटका
इस बीच, शहर को राहत देने वाले बायपास-2 के बालूद वाले पुल का निर्माण कार्य भी अनिश्चितकाल के लिए अटका हुआ है। मानसून खत्म हुए काफी समय बीत जाने के बावजूद, ढलाई का काम तक शुरू नहीं हुआ है। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन की ओर से साइट पर बोर्ड लगाकर निर्माण की तारीख, बजट और अन्य जानकारियां तो दर्शा दी गई हैं, लेकिन जमीन पर काम का कोई नामोनिशान नहीं है।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से बढ़ रही है नाराजगी
स्थानीय नागरिकों की सबसे बड़ी शिकायत उनके जनप्रतिनिधियों की सुस्ती और उदासीनता है। इस गंभीर समस्या पर न तो किसी जनप्रतिनिधि ने गंभीरता दिखाई है और न ही निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए कोई ठोस पहल की गई है। इस चुप्पी ने लोगों की नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
"हमें वादों नहीं, पक्के काम की दरकार" - शहरवासी
दंतेवाड़ा के लोगों की मांग साफ है:
शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर तत्काल रोक लगाई जाए।
बायपास-2 के पुल का निर्माण कार्य तुरंत शुरू करके जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
भारी वाहनों से क्षतिग्रस्त हुई शहर की सड़कों की अविलंब मरम्मत की जाए।
शहरवासी अब खोखले वादों और सूचना बोर्डों से परे, ठोस कार्यवाही और समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि दंतेवाड़ा की जनता की इस पुकार को सुनेंगे?
